हरिमोहन झा की श्रेष्ठ कथाएँ
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लेखक : हरिमोहन झा
अनुवादक : लावण्य कीर्ति सिंह ‘काव्या‘
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Description
इस संग्रह में हरिमोहन झा की तीस श्रेष्ठ कथाओं को चुनकर रखा गया है। उन्हें मैथिली का हास्य-व्यंग्य सम्राट कहा जाता है। हरिमोहन झा की कथा में हास्य-व्यंग्य ही नहीं, मार्मिक कारुण्य तथा विचार-वैदग्ध्य भी है जो रंगशाला तथा चर्चरी की कई कथाओं में देखा जा सकता है। इसलिए हास्य-व्यंग्य सम्राट के साथ-साथ इनको गल्प-सम्राट भी कहा गया है। यहाँ इनकी सभी वर्ग की कथाओं को ऐसे क्रमबद्ध किया गया है जिससे इनके विषय में किसी भी पूर्व-धारणा को अलग रखकर पाठक इनके कथाकार के बारे में स्वयं स्वतंत्र और समग्र छवि बनाने में सफल हो सकें।
इस पुस्तक की कहानियों का चयन मैथिली के प्रख्यात कथाकार एवं समीक्षक राजमोहन झा और प्रख्यात मैथिली व हिंदी साहित्यकार तथा समालोचक सुभाषचंद्र यादव ने किया है।
संगीत के साथ-साथ लेखन एवं अनुवाद कार्य में संलग्न लावण्य कीर्ति सिंह ’काव्या’ ने इन मैथिली कहानियों का बहुत प्रांजल अनुवाद किया है।