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बालकृष्ण भट्ट रचना-संचयन

300.00

बालकृष्ण भट्ट रचना-संचयन

300.00

लेखक : बालकृष्ण भट्ट

अनुवादक : गंगा सहाय मीणा

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Description

बालकृष्ण भट्ट का साहित्यिक संसार पर्याप्त विस्तृत है। उन्होंने नई चेतना से लैस सैकड़ों निबंधों की रचना कर हिंदी समाज को जगाया, दो पूर्ण उपन्यासों और कई अपूर्ण उपन्यासों, दो कहानियों और दर्ज़नों मौलिक व अनूदित नाटकों की भी रचना की। भट्ट जी के दोनों पूर्ण उपन्यासों, नूतन ब्रह्मचारी और सौ अजान एक सुजान अपने समय की चेतना के साथ खड़े दिखते हैं। बालकृष्ण भट्ट से हिंदी आलोचना की शुरुआत भी मानी जाती है। उनके लेखों में सैद्धांतिक आलोचना के तत्त्व तो मिलते ही हैं, साथ ही उन्होंने उस समय प्रकाशित हो रही रचनाओं पर आलोचनात्मक टिप्पणियाँ लिखकर व्यावहारिक आलोचना का मार्ग भी प्रशस्त किया। भट्ट जी की भाषा और उनके विचारों के आधार पर वे कबीर की परंपरा के लेखक प्रतीत होते हैं। इस संकलन में भट्ट जी की भाषा को यथावत् बनाए रखा गया है, क्योंकि वही उस समय की भाषा का सौंदर्य है। उम्मीद है कि सुधी साहित्यप्रेमियों को यह संकलन पसंद आएगा।
इस संचयन के संपादक गंगा सहाय मीणा महत्त्वपूर्ण आलोचक और लेखक हैं।

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