गणेशशंकर विद्यार्थी संचयन
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लेखक : गणेशशंकर विद्यार्थी
संपादक : सुरेश सलिल
Description
गणेशशंकर विद्यार्थी (1890-1931) बीसवीं सदी के सबसे गतिशील राष्ट्रीय व्यक्तित्वों में थे। भारत के समूचे राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक आंदोलन के इतिहास में उन जैसा दूसरा नहीं हुआ। हिंदी की राष्ट्रीय पत्रकारिता के भगीरथ तो वह थे ही, अपने समय की हिंदी की साहित्य धारा को समृद्ध करने वाले अकेले राष्ट्रीय व्यक्तित्व भी थे। गणेशशंकर विद्यार्थी की वैचारिक अग्निदीक्षा लोकमान्य तिलक के विचार-लोक में हुई थी। शब्द एवं भाषा के संस्कार उन्होंने आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी से प्राप्त किये थे। 1913 में उनके उद्योग से निकला साप्ताहिक ‘प्रताप’ अख़बर एक और जहाँ हिंदी का पहला सप्राण राष्ट्रीय पत्र सिद्ध हुआ, वहीं साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में उदित हो रही नई प्रतिभाओं का प्रेरक मंच भी वह बना। प्रस्तुत संकलन में विभिन्न कालखंडों से विद्यार्थी जी के चयनित कृतित्व को विषयवार वर्गीकृत किया गया है।
हिंदी के सुपरिचित कवि, समीक्षक, अनुवादक और संपादक सुरेश सलिल ने इस पुस्तक की सामग्री का चयन एवं संपादन किया है।