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अग्नि - कलश

150.00

अग्नि – कलश

150.00

लेखक : गुरबचन सिंह भुल्लर

अनुवादक : रमेश कपूर

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Description

अग्नि-कलश गुरबचन सिंह भुल्लर द्वारा लिखित तथा साहित्य अकादेमी द्वारा इसी शीर्षक से पुरस्कृत पंजाबी कहानी-संग्रह का हिंदी अनुवाद है। इन कहानियों की विशेषता है, मानव संबंधों की जटिलताओं का परिपक्व चित्रण और विषय-वस्तु के कथात्मक निर्वहन का अत्यंत रचनात्मक एवं प्रखर होना। लेखक महानगर दिल्ली में तेज गति से हो रहे परिवर्तनों का चश्मदीद गवाह रहा है। समाज में परिज्ञान की अधिकता और ज्ञान की कमी, साधनों की बहुलता और आचरण की अल्पता, पुराने मूल्यों का खंडित होते जाना और पैदा हो गई रिक्तता की भरपाई न होना, मनुष्य द्वारा प्राकृतिक शक्तियों पर विजय हासिल करना, परंतु अपने आंतरिक रणक्षेत्र में बार-बार परास्त हो जाना और इसके साथ ही शाश्वत विषय अर्थात् स्त्री-पुरुष के रिश्तों को यथार्थ और बाहरी आडंबर जो सब कुछ एक मनुष्य और कथाकार के नाते गुरबचन सिंह भुल्लर हैं। इन्हीं अनुभवों की कोख से जन्मी ये कहानियाँ आज के मनुष्य के कृत्यों और उनके अदृश्य कारणों को एक जैसी सामर्थ्य और सहजता के साथ शब्दों में साकार करती हैं।

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