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छाया रेखा

115.00

छाया रेखा

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लेखक : अमिताव घोष
अंग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद: उमेश दीक्षित

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Description

अमिताव घोष ने अपनी पहचान अपने पहले उपन्यास द सर्कल आॅफ रीजन से ही बना ली थी। उनका दूसरा उपन्यस द शैडो लाइन्स (1988) छपने के बाद बेहद चर्चित हुआ। देश-विदेश के कई समीक्षकों ने इसको एक उल्लेखनीय उपलब्धि माना। संघर्ष की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में लिखा यह उपन्यास एक जागरूक नागरिक की राजनीतिक स्वतंत्रता और राष्ट्रीयता की बेहद ज़रूरी पड़ताल है। इसकी कथावस्तु एक ऐसी दुनिया में ले जाना चाहती है जिसे नायक ने अपनी स्मृतियों और स्वप्नों से बुना है लेकिन देश-काल का यथार्थ उसे अपने खूँटे से बाँधे रखना चाहता है। उक्त कृति साहित्य अकादेमी द्वारा वर्ष 1989 के लिए श्रेष्ठ अंग्रेज़ी कृति के नाते सम्मानित हुई थी। द एन्टीक लैण्ड और द कलकत्ता क्रोमोजोम श्री घोष की अन्य महत्त्वपूर्ण कृतियाँ हैं।
इस उपन्यास का प्रभावी अनुवाद हिंदी के सुपरिचित लेखक और संचार माध्यम जगत् के विशिष्ट हस्ताक्षर उमेश दीक्षित ने किया है।

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