जादुई पेन
₹75.00
लेखक : नीरज दइया
अनुवादक : प्रितपाल कौर
Description
जादुई पेन साहित्य अकादेमी द्वारा पुरस्कृत राजस्थानी बाल कहानी-संग्रह जादू रो पेन का हिंदी अनुवाद है। नीरज दइया द्वारा रचित बाल कहानियों का यह ऐसा संग्रह है जो बालमन की भीतरी गहराइयों से निकला हुआ प्रतीत होता है। बच्चों के भीतर उठ रहे प्रश्नों और जिज्ञासाओं को लेखक ने जिस सहजता से कहानियों में पिरोया है उससे ऐसा लगता है कि जैसे किसी बालक ने स्वयं इन्हें लिखा हो। मगर भाषा की सहज सुघड़ता यह बात साफ़ कर देती है कि लेखक वयस्क और मँझे हुए रचनाकार हैं। ‘लड़ाई लड़ाई माफ़ करो’ के जेठमल और भवानी हों या ‘गैस उड़ गई’ का बबलू या फिर ‘मैं चोर नहीं बनूँगा’ के सूरज और मनोज; इन बच्चों में या तो हम खुद अपना ही बचपन देखते हैं या हमारे बचपन के किसी साथी की झलक इनमें हमें साफ नजर आती है। यही कारण है कि यह पुस्तक बच्चों और किशोरों के लिए तो है ही, वयस्क भी इसे पढ़ेंगे तो लाभान्वित होंगे। ये कहानियाँ हमें बालमन को बेहतर ढंग से समझकर अच्छे अभिभावक होने में मदद कर सकती हैं।