रेतगाथा
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चयन एवं संपादन : पल्लव
Description
रेतगाथा : हिंदी कहानी के विभिन्न संचयनों और संग्रहों के बाद भी इसकी विविधता और विपुलता इतनी है कि अनेक दृष्टियों से इसका अध्ययन संभव है। हमारे देश भारत की भौगोलिक और सांस्कृतिक विभिन्न छवियों को हिंदी कहानी ने भी देखने-समझने का प्रयास किया है। साहित्य अकादेमी द्वारा प्रस्तुत रेत गाथा ऐसा ही एक संचयन है, जिसमें देश के रेगिस्तानी इलाके के जन जीवन से संबंधित लगभग दो दर्जन हिंदी कहानियों हैं। इन कहानियों में मरुभूमि के लोगों के जीवन संघर्ष, हर्ष-विपाद, देश-प्रेम और भौगोलिक विशिष्टता के दर्शन होते हैं। मैदानी, पहाड़ी और तटवर्ती इलाकों से यहाँ के जीवन की भिन्नता और विशिष्टता इन कहानियों में परिलक्षित होती है, जहाँ दैनंदिन जीवन के संघयों के साथ सीमा संबंधी तनाव और पलायन के दुख सम्मिलित हैं। राजस्थान से जुड़े हिंदी के श्रेष्ठ कथाकारों यादवेंद्र शर्मा ‘चंद्र’, मणि मधुकर, स्वयं प्रकाश, हबीब कैफ़ी और मालचंद तिवाड़ी के साथ साथ सारा राय और आनंद हर्म्युल की रेत के जीवन संबंधी कहानियों को भी यहाँ पड़ा जा सकता है। नई पीढ़ी के कथाकारों की कुछ कहानियों भी इस संचयन में शामिल की गई हैं जो परिवेश और भूगोल के प्रति उनके नए दृष्टिकोण को बताती हैं।
इस संकलन में लगभग चार दशकों में फैली हिंदी कहानी का अध्ययन कर मरुभूमि से संबंधित श्रेष्ठ कहानियों का चुनाव किया गया है। कहानी विधा में रुचि रखने वाले पाठकों और शोधार्थियों के लिए यह संचयन उपयोगी होगा, इसमें कोई संदेह नहीं।