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कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर' रचना - संयचन

200.00

कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ रचना – संयचन

200.00

चयन एवं संपादन : योगेन्द्रनाथ शर्मा  ‘अरुण’

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Description

इस संचयन से पाठक यह जान पाएँगे कि प्रभाकर जी का संपूर्ण व्यक्तित्व और कृतित्व कितना बहु-आयामी और बहु-स्तरीय था। ‘प्रभाकर’ जी निपट साहित्यकार न थे। वे एक सक्रिय स्वतंत्रता सेनानी और गंभीर पत्रकार थे। इसके कारण अंग्रेजी हुकूमत ने इनके प्रेस और पत्रिकाओं पर पाबंदी लगाई। इन्हें कई बार जेल में बंद किया। देश की आज़ादी के बाद भी ‘प्रभाकर’ जी ने आजीवन पत्रकारिता में मूल्यपरक दायित्व का निर्वाह किया। संचयन की रचनाएँ इसका पूरा-पूरा एहसास कराती हैं।

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