ग्रिम बंधुओं की कहानियाँ (भाग – 1 )
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Description
जैकोब लुडविग कार्ल ग्रिम (1785-1863) और विलहेम कार्ल ग्रिम (1786-1859) आधुनिक आख्यान-शास्त्र एवं लोक-साहित्य-विज्ञान के जनक और भाषा-विज्ञानी थे। उनका मुख्य उद्देश्य साहित्य के पारंपरिक स्वर एवं स्वरूप का अध्ययन करना था। जैकोब को जर्मन भाषा और व्याकरण के प्रति रुचि थी तो विलहेम को लोककथाएँ संगृहीत करने में विशेष आनंद मिलता था। इन कहानियों के संकलन का उद्देश्य परंपरागत कहानियों के विपुल समुच्चय को समेटते हुए भाषा, मुहावरों, दंतकथाओं, कविताओं, बालसुलभ खेलों और गीतों के माध्यम से जर्मन भाषा एवं संस्कृति के स्रोतों और उद्देश्यों का क्रमिक विकास के साथ अध्ययन करना था। ग्रिम बंधुओं ने जर्मनी के चप्पे-चप्पे पर पहुँचकर बुजुर्गों और क़िस्सागो से कहानियाँ सुनकर लिपिबद्ध कीं। ये वही कहानियाँ थीं जिन्हें लोग सदियों से पीढ़ी-दर-पीढ़ी सुनते-सुनाते रहे थे। किसान, मज़दूर, दादी-नानी जैसे विभिन्न स्रोतों से ग्रिम बंधुओं ने ये कहानियाँ सुनकर इकट्ठा की थीं।
इस पुस्तक की कहानियों की प्रस्तुति हिंदी के प्रख्यात बालसाहित्यकार हरिकृष्ण देवसरे ने किया है।